शायरी ऐ महताब
Saturday, December 17, 2011
सितमगर
ये हाल मेरे दिल का है की
गम होकर भी कोई गम नहीं
मेरे नसीब में मरहम तो है
लेकिन किसी सितमगर का सितम नहीं
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