Wednesday, November 2, 2011

तेरी आँखें

कभी शर्म की तस्वीर कभी  मोहब्बत का पैगाम देती है 
आशिकों के दिल पर ज़ख्म हज़ार करती है 
अगर चाहे कोई चाहत को लाख छुपाना
आँखें वही हाल ऐ दिल बयान करती हैं

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