शायरी ऐ महताब
Thursday, November 17, 2011
किस्मत
जितना चाहा था चाँद ने सितारों को
आज उन्ही के बीच फासलों की खाई है
नहीं किस्मत में मेरी प्यार का नजराना
कमबख्त मौत को भी मुझसे रुसवाई है
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