शायरी ऐ महताब
Monday, October 31, 2011
तकदीर
चाहते तो थे उनका दीदार शुभओ शाम करना
लेकिन हमारी याद भी उनके दिल के करीब नहीं
चाहा था की मेरे ज़नाजे पे चढ़ाए वोह फूल
मेरे नसीब में तो उनकी नफरत भी नसीब नहीं
Friday, October 28, 2011
मोहब्बत
अजीब खेल है मोहब्बत का
अजीब खेल है मोहब्बत का
किसी को हम न मिले
कोई हमे ना मिला
Monday, October 24, 2011
बधाइ
मुस्कानों का और बधाइयों का
रौशनी और धन धान्य की पूजा का
पर्व आया मिठाइयों और सौगातों का
आओ मनाये प्यार और सद्भाव से
की दीपावली है त्यौहार खुशियों का
आप सबको शुभ दीपावली
Sunday, October 23, 2011
गुज़ारिश
हमने आसमानों से खुद के लिए कभी कुछ नहीं माँगा
बस गुलशन की ख़ैर चाही, कोई तख़्त ओ ताज तो नहीं माँगा
Thursday, October 20, 2011
फलसफा
बरसने दो आसमान से आग के शोले
के सीना मेरा अभी चलनी न हुआ
गम के घूँट क्या पिलाएगा ये ज़माना
के पैमाना मेरे सब्र का छलका ही नहीं
Friday, October 14, 2011
हुस्न
तराशा है उनको बड़ी फुर्सत से
जुल्फे जो उनकी बादल की याद दिला दे
नज़र भर देख ले जो वोह किसी को
नेकदिल इंसान की भी नियत बिगड़ जाए.
अफसाने
वो चले गए जाने किस सफ़र पर
मेरा साथ छोड़ के जिंदगी के दरमियान
के बयान भी ना कर सके हम उनसे
अपने दिल में बसे मोहब्बत के अफसाने
फ़साना-ऐ-जिंदगी
शिकवा ना शिकायत हो जेहन में मेरे
लब जो मेरे तेरी शबनम से भीग जाए
रब्बा उनके दामन में दाल दे खुशियाँ हज़ार
तो जान मेरी हँसते हंसते रुखसत हो जाए
Wednesday, October 12, 2011
फलसफा ऐ जिंदगी
मस्ती के समंदर में मछली सा तैरो
लोगो की अल्फाज़ कभी दिल पे मत लो
जिंदगानी मिलती है केवल एक बार
इसे जियो तो अपनी मर्ज़ी से जियो
Monday, October 10, 2011
मोहब्बत
वोह महफ़िल ही क्या जहाँ तेरा जिक्र न हो
वो आँखे ही क्या जिसमे तेरी तस्वीर न हो
कहने को लाखों है खूबसूरत चेहरे ज़माने में
लेकिन वोह दिल ही क्या जिसमे तेरी मोहब्बत ना हो
Saturday, October 8, 2011
कीमत
न करो ऐतबार इतना हर भोली सूरत पर
की जाकर आगे दिल को ठोकर ही लगे
ख्याल रखो की मोहब्बत करो उसी से
जो तुम्हारे जज्बातों की कीमत समझे
Tuesday, October 4, 2011
बयान ऐ हकीक़त
शक ओ शुबहा है या हकीक़त के रेले हैं
ज़माने की महफ़िल से हम थके से निकले हैं
कहना तो नहीं है आसान यह बात लेकिन
दुनिया की भीड़ में हम कितने अकेले हैं
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