शायरी ऐ महताब
Wednesday, December 14, 2011
जज्बे
नहीं फ़िक्र उम्र की के दिल का जोश जवान है
आपके इसी जज्बे को मेरा सलाम है
रहना हमेशा ऐसे ही मुस्कुराते हमेशा
की आपके कद्रदान हर पल यहाँ है
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment