Saturday, September 17, 2011

नज़रों में पढ़ा

नज़रों में पढ़ा पैगाम जो दिल की नज़रों से
तेरे दर पे सनम हम दिल निसार कर गए
देखे जो जोश  औ जलवे  हुस्न ऐ यार के
जान अपनी हम  तेरे  लिए निसार कर गए

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